So now pure mustard oil has become expensive | इसलिए अब शुद्ध सरसों का तेल महंगा हो गया है।

इसलिए अब शुद्ध सरसों का तेल महंगा हो गया है।

हम भारत के लोग पिछले 30 सालों से सरकार द्वार मान्यता प्राप्त मशीन ऑयल सरसों के तेल के नाम पर खा रहे थे। मोदी सरकार ने 30 साल पुराना फैसला पलट दिया है इसलिए अब शुद्ध सरसों का तेल महंगा हो गया है।

हमारे देश में जिन पार्टियों ने राज किया है उन्होंने देश के साथ क्या क्या धोखेबाजी की है। ये जानकर आपको आश्चर्य होगा कि साल 1990 में वी पी सिंह की सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था और इस नोटिफिकेशन के माध्यम से सरसों के तेल में ब्लेंडिंग को मान्यता दे दी गई थी।


ब्लेंडिंग का मतलब

ब्लेंडिंग का मतलब होता है मिलावट करना। दरअसल मिलावट शब्द का यूज जब पॉजिटिव तरीके से किया जाता है तो उसे ब्लेंडिंग कहा जाता है। लेकिन इस ब्लेंडिंग के नाम पर भारत के लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया।

आप अब तक बाजार से खरीदा हुआ जो सरसों का तेल आप खा रहे थे उसमें 20 प्रतिशत सरसों का तेल और 80 प्रतिशत पाम ऑयल या दूसरे बेकार चीजें थी। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ये रही कि इसके बाद भी 80 प्रतिशत पाम ऑयल वाली बोतल को सरसों का तेल बताकर ही बेचा जा रहा था।

सरसों के तेल को गाढ़ा करने के लिए मोबिल ऑयल भी मिलाया जा रहा था क्योंकि पाम ऑयल पतला होता है और मोबिल ऑयल मिलाकर उसे सरसों की तरह गाढ़ा किया जा रहा था।

बहुत सारे फ्रॉड लोग सरसों का तेल बेच बेच कर करोड़पति अरबपति बन गए पिछले 30 सालों से। लेकिन अब 8 जून से देश में ब्लेंडिंग ऑयल पूरी तरह से बंद हो गया है। पाम ऑयल सस्ता होता है। इसलिए कथित सरसों का तेल (जो सरसों था भी नहीं) सस्ता बिक रहा था लेकिन अब ब्लेंडिंग बंद करने के सरकार के फैसले के बाद शुद्ध सरसों का तेल बिकेगा इसलिए अब सरसों के तेल की कीमतें बढ़ गई हैं।


देश में पिछले 30 सालों से सरसों के तेल में सबसे ज्यादा मिलावट अदानी की कंपनी कर रही थी लेकिन मोदी सरकार ने देश के फायदे को देखते हुए ब्लेंडिंग को बंद करने का आदेश दिया है।

पिछले 30 सालों से मिलावटी सरसों के तेल की वजह से देश को दो तरीके से नुकसान हो रहे थे। पहला आपकी सेहत को नुकसान हुआ और दूसरा किसानों को चपत पड़ रही थी क्योंकि जब 20 प्रतिशत सरसों का तेल इस्तेमाल होगा तो सरसों के तेल की मांग घटने से किसानों को सरसों के तेल की सही कीमत नहीं मिलेगी और ना ही उनकी सरसों बिकेगी। लेकिन इस बार पंजाब और हरियाणा में सरसों की रिकॉर्ड खऱीद हुई है जो शुभ संकेत है।

मिलावट में इस्तेमाल होने वाला पाम ऑयल भी विदेशों से इम्पोर्ट हो रहा था। मतलब 30 सालों से भारत की सरकारें बीमारियों वाले तेल को इम्पोर्ट कर रहे थे और अपना नुकसान झेलकर विदेशों को फायदा करवा रहे थे और इसमें से एक देश ने तो कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन भी कर दिया था।

अब जरा हिसाब लगाइए मानिए कि आपको शुद्ध सरसों का तेल खऱीदने से 10 सालों में 10 हजार रुपए ज्यादा देने पड़े हैं लेकिन अगर इस मिलावटी सरसों के तेल से कैंसर हो जाता है तो सीधे 10 साल बाद 15 लाख रुपए का बिल फटेगा। तो अपनी सेहत को बर्बाद करना सही नहीं है।


आपको जानकर हैरानी होगी कि 2018 में ही यूरोपियन यूनियन के सभी देश पाम ऑयल पर बैन लगा चुके हैं। भारत सरकार ने पाम ऑयल पर बैन लगाकर एक तीर से कई निशाने लगाए हैं जो देश के हित में है इसलिए थोड़ा महंगा सरसों का तेल खाकर भी सरकार का साथ दीजिए। देश का साथ दीजिए।

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