जितना लोग मोदी से चिढ़ते है ना उससे थोडा़ कम ही लेख लिखा है अगर सब ने पढ़ लिया तो सोचने पर विवश हो जायेगे । चमचों के लिए जनहित में जारी। एक सज्जन मुझसे कहने लगे ई मोदी कुछ नहीं करता है। अबकी बार BJP को वोट नहीं दूंगा। सच कहूँ तो मुझसे रहा नहीं गया, मैंने पूछा "आप मोदी से क्या चाहते थे जो आपको नहीं मिला? साहब मेरे सवाल से अचकचा गए। अचकचा मतलब समझे? अचकचा मतलब है असहज होना, साहब चुप।
फिर मैंने कहा "उज्जवला योजना, दीनदयाल ज्योतिर्ग्राम योजना, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री बीमा योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, शौचालय निर्माण, स्वच्छता अभियान, एक दिन में 30 किलोमीटर हाईवे बनना, दुनिया भर में भारत की धमक, स्टार्टअप योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना और क्या चाहिए ?
साहब कहने लगे "ये सब तो ठीक है लेकिन अपना काम धंधा तो चौपट है।" मैंने कहा "खुल कर कहो न कि अब दो नम्बर के काम करने से डर लगता है। कैश ट्रांजेक्शन करने में डर लगता है। पारदर्शिता से डर लगता है। कहीं बेनामी संपत्ति खरीदने में डर लगता है। बैंक ट्रांजै़क्शन ज्यादा हुआ तो इन्कमटैक्स से डर लगता है। पैसा कमाओ करोड़ों में और टेक्स भरो सैकडों में ?
साहब चुप, साहब के साथ बैठे लड़के ने कहा भैया इतना सब तो ठीक है लेकिन मोदी बेकार आदमी है, करता धरता कुछ है नहीं, बस फेंकता बहुत है। मैंने लड़के से कहा अच्छा एक बात बताओ 12 रुपया में दो लाख का दुर्घटना बीमा, मात्र 330 रु में दो लाख का जीवन बीमा हो रहा है, कराया या नहीं?" लड़का चुप, मैंने कहा घर में जो शौचालय बनवाया उसका उपयोग करते हो? लड़का चुप! "आयुष्मान योजना के बारे में सुना है?"
बार बार गंदगी हटाने को कहता है। गंदगी से कौन बीमार पड़ता है? कभी किसी और मंत्री, संत्री ने 60 साल में शौचालय व गंदगी हटाने की बात की? आज तक सभी सरकारें आबादी को रोती रहीं व माल बनाते गईं पर मोदी ने कभी आबादी ज्या़दा है कह कर कोसा है? बल्कि कहता है 125 करोड़ जोड़ी हाथों की शक्ति है।
आज तक सब सरकारों ने भीख पर ही पाला है व ग़रीबों को वोट बैंक ही समझा है पहली बार किसी ने कहा है सरकारी नोकरियों पर निर्भर मत हो खुद का रोज़गार करो दूसरों को भी रोज़गार दो। अब तो 50 करोड़ लोगों का मुफ्त 5 लाख तक का बीमा करने की योजना भी लाई है, ग़रीब औरत को चूल्हे से आजा़दी दिलवाई, लाखों घरो में बिजली पहुँचवाई। 300 रुपये वाला LED बल्ब अचानक सरकार बदलते ही 65 रुपये का कैसे हो गया। सोचा कभी? 150 रुपये वाली दाल 60 रुपये कैसे हुई?
अब सड़के कहां से बननी शुरू हो गई? फ़ौज अचानक कैसे इतनी ताक़तवर हो गई कि चीन भी पीछे हट गया? अचानक इतने उग्रवादियों को कैसे मौत के घाट उतारा जाने लगा? हुर्रियत के नेताओं के फण्ड कैसे बन्द हो गए कैसे उनकी संपत्ति जब्त होनी शुरू हो गई? कैसे देश की इज्ज़त अचानक दुनिया में बढ़ गई? लड़का चुप, कुल मिलाकर साहब और उनके लड़के जैसे लोग कीचड़ में रहने के आदि हैं। अखिलेश की गुंडा सरकार। मायावती की जातिवादी सरकार। ममता की जेहादी सरकार। लालू की भ्रष्टाचारी सरकार। इन सबसे बढ़कर कांग्रेस की 'हिंदू विरोधी' सरकार में रहने की आदत इतनी जल्दी बदलने वाली नहीं है।
सरकारी कर्मचारी इसलिए नाखु़श हैं कि अब duty में काम करना पड़ रहा है। पैसे वाले इसलिए नाराज़ हैं कि ट्रांसपेरैंसी के चलते ब्लैकमनी संभालना मुश्किल है। मिडिल क्लास इसलिए नाराज़ है कि इतनी जल्दी सब काम क्यों हो रहा है। ग़रीब इसलिए नाराज़ है कि जब सब नाराज़ हैं, तो भैया हम भी नाराज़ हो लेते हैं। उसे अगर वोट ही लेना होता तो वो, कभी नोटबंदी नहीं करता। कभी भी GST नहीं लाता।
उसे वोट ही लेना होता तो वो कभी सब्सिडियाँ ख़त्म नहीं करता, लेकिन उसने दिल और घुटने के ऑपरेशन के दाम ढाई लाख से 50 हज़ार करके डॉक्टरों को नाराज़ किया। उसने 800 दवाओं के दाम कम करके मेडिकल वालों को नाराज़ किया। उसने 1% टैक्स लगा कर स्वर्णकारों को नाराज़ किया। उसने होटल वालों के सर्विस चार्ज पर हथौड़ा चला के, ग्राहकों के हित के लिए होटलवालों से पंगा लिया। उसने 500 और 1000 के नोट बन्द कर के अपने ही परम्परागत वोट बैंक को नाराज़ किया।
कैशलैस को बढ़ावा दे कर वो टैक्स चोरों के रास्तों का रोड़ा बन गया है। Rera जैसा क़ानून लागू करके बिल्डरों को नाराज़ किया। बेनामी संपत्ति का क़ानून पारित करके ज़मीन के काला बाजारियों को बेनक़ाब कर रहा है। स्पैक्ट्रम, कोयला, आदि का भ्रष्टाचार दूर कर, देश को लाखों करोड़ों का फ़ायदा देने के लिए बड़े उद्योगपतियों से पंगा लिया। गैस सब्सिडी, मनरेगा, आदि का पैसा सीधे बैंक खाते में जमा करने के कारण सभी बिचौलियों की दुकानें बंद कर दी। युरिया को नीम कोटिंग करने से केमिकल फ़ैक्टरियों का गोरख धंधा चौपट कर दिया। 2 लाख 24 हज़ार चोर कंपनियों का पंजीकरण रद्द और लाखों नकली कंपनियों की पहचान की।
लगभग हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार कम करने के नये नये तरीक़ों का आग़ाज़ कर रहा है। सभी सरकारी कामों में टेक्नॉलजी के कारण गति लाने के प्रयास के कारण दलालों का 'स्पीड-मनी' बंद कर रहा है और न जाने कितनों को वो रोज़ नाराज़ कर रहा है हो सकता है आप भी उसके किसी क़दम से नाराज़ चल रहे हों, आप का भी कुछ नुक़सान हुआ हो। वो असल में पागल बन गया है क्या? वो चाहता तो आराम से किसी का दिल दुखाए बिना राज कर सकता है।
वह हर रोज़ नये नये क़दम उठाकर देश के हर क्षेत्र की बुराइयाँ दूर करने की रात दिन मेहनत कर रहा है क्योंकि उसे कुर्सी से प्रेम नहीं है। उसे सिर्फ़ अपने देश और सवा सौ करोड देशवासियों से प्रेम है वो अपने देश को दुनियाँ में सबसे समृद्ध बनाना चाहता है हर बुराई को ख़त्म करना चाहता है वो भी इसी जैनेरेशन में, अब भले ही आप उसे वोट न दें, लेकिन उसे उसकी चिंता नहीं है। आज जो उसका या उस के समर्थकों का मज़ाक उड़ा रहा है वो वास्तव में खु़द का और खु़द की भावी पीढी़ का मज़ाक उड़ा रहा है।
देश बेचकर अपनी जेब भरने वाले चंद दोग़ले नेताओं, टीवी चैनलों और ब्युरोक्रेट्स की बातों में आकर उसका साथ छोडा़ तो खु़द को मज़ाक बनने से तुम्हें कोई नहीं रोक सकता। सरकार की कुछ कमियों को, कुछ अब तक न हुए कामों को बढ़ा चढ़ा कर बोल कर ये लोग आप को गुमराह कर रहे हैं।
इस स्थिति में सभी खूनी भेडिये उसके खि़लाफ लामबंद हो रहे हैं। लेकिन देश के लिए उसे हमारे साथ की ज़रुरत है। इससे भी ज्या़दा हमें उसकी ज़रूरत है। आप ने उसे हटा दिया तो उस का कुछ नहीं बिगड़ने वाला वो तो हिमालय चला जाएगा। लेकिन हमारी अगली नस्लें हमें सैकड़ों सालों तक कोसेंगी। जागो देशवासियों, हमें अपने प्रधानमंत्री का साथ हर हाल में देना ही होगा। हमें उसकी आवाज़ बनना है अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए।
बाकि आपको जो अच्छा लगे कीजिए लेकिन एक बार यह ज़रूर सोचिए कि आखिर वह यह सब काम किसके लिए कर रहा है। हमारे लिए या अपने लिए? PLEASE HAVE FAITH IN MODI, उसे अपना घर भरना होता तो वह 13 साल गुजरात का CM रह कर भर लेता। उसे कुर्सी से प्रेम नहीं है सिर्फ़ अपने देश से प्रेम है, अगर आप मोदी जी की राह पर चलकर अपने देश को उन जालिमो ओर गद्दारो से बचाना चाहते हैं तो हमारे साथ मिलकर इस पोस्ट को अधिक से अधिक मित्रो तक शेयर कीजिये। आप मोदी से उसकी कुर्सी छीन सकते हैं लेकिन वो महान संकल्प नहीं छीन सकते जो उसने भारत को महान बनाने के लिए लिया हुआ है, तो भाइयो शेयर करने में क्या बुराई है।
Tags:
Politics