What is Rudraksha, types of Rudraksha | रुद्राक्ष क्या है, रुद्राक्ष के प्रकार, धारण करने की विधि क्या है?

रुद्राक्ष क्या है, रुद्राक्ष के प्रकार, उनके शक्तिशाली फायदे और धारण करने की विधि?

रुद्राक्ष की माला हर कोई पहन सकता है देवी पुराण के अनुसार एक त्रिपुरा सुर नाम का राक्षस था जिसने धरती पर हाहाकार मचा कर रक्खा था ब्राह्मण, ऋषि, मुनि आदि। लोगो को अत्यधिक परेशान करता था।

उसने अपनी शक्तियों के माध्यम से सभी देवी देवताओं को परास्त कर दिया था। इस पवित्र भूमि को फिर से राक्षसों से मुक्त करने के लिए सभी देवी देवता कैलाश भगवान शिव के पास गए और उन्होंने भगवान शिव को त्रिपुरा और राक्षस के बारे में बताया यह सुनने के पश्चात भगवान शिव ने अपनी आंख योगनिद्रा में बंद कर ली और कुछ समय पश्चात जब उनकी आंखे खुली तो उनकी आंखों से आंसुओं के बूंद गिरने लगे यह बूंद जहां जहां गिरे वहां वहां रुद्राक्ष के पेड़ उत्पन्न हुए ।



इसलिए रुद्राक्ष भगवान शिव का रूप है इसके स्वामी सूर्य ग्रह है और स्वामी देव भगवान शिव है। इसे धारण करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह अध्यात्म कि और बढ़ने लगता है और अंत में उसे ईश्वर प्राप्ति होती है। इसे धारण करने के अनेकों लाभ हैं जो इस प्रकार है 

एक मुखी रुद्राक्ष के शक्तिशाली 5 फायदे

  1. यह मन को पवित्र कर देता है और अध्यात्म कि और बढ़ाता है।
  2. इसे धारण करने वाले व्यक्ति को अलौकिक और भौतिक ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है ।
  3. इसे पहनने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है और उसे ब्राह्मण हत्या जैसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
  4. इसे धारण करने से गुस्सा कम हो जाता है और मन शांत रहता है।
  5. अधिकतर लोग इसे इसलिए धारण करते हैं क्योंकि इसका स्वामी सूर्य है इसलिए अगर किसी की कुंडली में सूर्य का नकारात्मक प्रभाव हो तो यह उसके प्रभावों को दूर करता है।

दो मुखी रुद्राक्ष के अत्यंत लाभकारी 5 फायदे

  1. दोमुखी रुद्राक्ष धारण करने से दाम्पत्य जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।
  2. दो मुखी रुद्राक्ष को घर में रखने से परिवार में सुख शांति आती है, सभी पारिवारिक समस्याएं दूर होती है ।
  3. मोटापा, दिल की बीमारी एवं भूत प्रेत से छुटकारा हेतु भी इसे धारण किया जाता है।
  4. दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से संतान हीन व्यक्ति को तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति होती है और पति पत्नी के बीच प्रेम संबंध में वृद्धि होती है।
  5. दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से एकाग्रता की कमी, नपुंसकता, चिंता, तनाव, अवसाद, नकारात्मक सोच एवं आंखो से संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

तीन मुखी रूद्राक्ष के 5 लाभकारी फायदे

  1. तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पेट से संबंधित सभी बीमारी से छुटकारा मिलता है जिन लोगों को भोजन पचने में समस्या आती है वह इसे अवश्य धारण करें।
  2. कार्यों में सफलता एवं समाज में मान सम्मान प्रति हेतु भी इसे धारण किया जाता है इसे धारण करने वाले व्यक्ति के चेहरे पर एक प्रकार से दिव्य तेज दिखाई देता है।
  3. इसे धारण करने वाले व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
  4. तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंगल और सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं।
  5. तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से गौ हत्या और स्त्री हत्या जैसे पापों से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है।

4 मुखी रुद्राक्ष के 5 कार्यसाधक फायदे

  1. अगर आपका पुत्र पढ़ाई में कमजोर है हमेशा असफलता मिलती है , अगर आपको भी पढ़ाई के क्षेत्र में असफलता मिलती है तो 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा ।
  2. चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और सकारात्मकता का संचार होता है।
  3. यदि आप जल्दी भूल जाते है तो स्मरण शक्ति तेज करने हेतु चार मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करें अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा इसके अलावा अगर आप शिक्षक, लेखक, पत्रकार, डॉक्टर, ज्योतिष, छात्र या व्यापारी इनमें से हैं तो आपको इसपर अटूट विश्वास करके धारण करना चाहिए ।
  4. अगर आप हमेशा नकारात्मक सोचते हैं तो यह आपको सकारत्मक सोचने में मदद करेगा और मस्तिष्क को तेज करेगा एवम् ज्ञान में वृद्धि होगी।
  5. कुंडली में बुध ग्रह को शक्ति प्रदान करता है।

5 मुखी रुद्राक्ष के 5 शक्तिशाली फायदे 

  1. मानसिक शांति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए इसे धारण कर सकते है।
  2. वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्ति और धन और समृद्धि हेतु इसे धारण कर सकते है इसके अलावा बृहस्पति के प्रभावों को कम करने हेतु भी इसे धारण किया जाता है।
  3. 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है उसे अधिक विषयों में ज्ञान अर्जित करने में सहायता मिलती है इसके अलावा इसे धारण करने पर तेज बुद्धि और एक अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है।
  4. पांच मुखी रुद्राक्ष मन को संतुलित करता है और मन में सकारात्मकता लाता है।
  5. वे लोग इसे अवश्य धारण करें जिन्हें मानसिक शांति, अच्छा स्वास्थ्य और अध्यात्म कि तालाश है।

6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 अत्यंत लाभकारी फायदे

  1. इस रुद्राक्ष को धारण करने से एकाग्रता आती है और मन को शांत करने में शक्ति मिलती है इसके अलावा इसे धारण करने वाला व्यक्ति आत्मविश्वास से पूर्ण, बुद्धिमान और मजाकिया बनता है।
  2. मित्रों अगर आप आलसी हैं और अपने आलस्य को दूर करना चाहते हैं तो आपको 6 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए इसके अलावा नकारात्मक शक्ति को दूर करने के लिए भी इसे धारण किया जाता है।
  3. यदि आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां हैं मनमुटाव रहता है झगड़ा लड़ाई होती है तो ऐसी स्थिति में आपको 6 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए यह वैवाहिक जीवन के सुख में वृद्धि करता है ।
  4. यदि आप अक्सर बीमार रहते हैं तो ऐसी स्तिथि में आपको 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
  5. इसे धारण करने से प्रेम, दया और आकर्षण कि शक्ति का निर्माण होता है जिससे इसे धारण करने वाले मनुष्य की और लोग अधिक से अधिक आकर्षित होते है।

7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 शक्तिशाली फायदे

  1. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से घर में धन आने के अनेकों मार्ग उत्पन्न होते हैं जिससे घर में अधिक धन आता है और इसे धारण करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
  2. यदि आपके ऊपर शनिदेव की साढ़ेसाती चल रही है या ढैया चल रही है तो ऐसी स्तिथि में आपको सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए इससे आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा और शनिदेव प्रसन्न होंगे।
  3. व्यापार और नौकरी में उन्नति के लिए भी सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिये।
  4. गठिया दर्द, मानसिक परेशानी, हड्डियों और मांसपेशियों में पीड़ा और अस्थमा जैसे रोगों में सात मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाए तो इससे अत्यधिक लाभ मिलता है।
  5. भाग्य में उदय और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भी इसे धारण किया जाता है।

8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 लाभकारी फायदे 

  1. राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए इसे धारण किया जाता है अगर किसी पर राहु की कुदृष्टि है तो राहु के प्रभावों से बचने हेतु आप इसे धारण कर सकते है।
  2. अकाल मृत्यु और सभी तरह के भयों से आपको मुक्ति मिलती है और लोगों का मानना है कि इसे धारण करने वाले व्यक्ति को मृत्यु पश्चात भगवान शिव का साथ मिलता है।
  3. 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जीवन की सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और इससे ज्ञान धन और सम्मान की प्राप्ति होती है।
  4. इसकी सबसे खास विशेषता यह है कि जो इसे धारण करता है उसकी कभी हार नहीं होती वह सभी परिस्थितियों में सफलता की प्राप्ति करता है।
  5. शास्त्रों के अनुसार भूत प्रेत से हमेशा के लिए बचने हेतु इसे धारण कर सकते है यह उन लोगों के लिए अत्यंत लाभदायक है जिनकी कुण्डली सर्प दोष है।

9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 कार्यसाधक फायदे 

  1. इसे धारण करने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है और माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है इसके अलावा शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए भी इसे धारण किया जाता है।
  2. 9 मुखी रुद्राक्ष रोगी व्यक्ति को ठीक करने में मदद करता है, अनावश्यक क्रोध को रोकता है साथ ही साथ इसे धारण करने वाले व्यक्ति को बहादुरी, धीरज और समाज में मान - सम्मान की प्राप्ति होती है।
  3. इसे धारण करने से शरीर के दर्द, आंतो में दर्द, त्वचा रोग और आंखो में दर्द जैसी परेशानी दूर करने हेतु इसे धारण कर सकते है इसके अलवा मस्तिष्क, फेफड़े, यौन अंगों, मिर्गी और आंखो कि समस्याओं में इसे धारण करना चाहिए।
  4. भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है और केतु के नकारात्मक प्रभावों से लाभ प्राप्त होता है इसके अलावा इसे धारण करने से मित्रों कि संख्या में वृद्धि होती है और मान सम्मान की प्राप्ति है।
  5. त्वचा के विकारों, चक्कर आना और किसी भी तरह के फेबिया से छुटकारा हेतु नव मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 फायदे

  1. जिन लोगों को अकेले में डर लगता है, हमेशा चिंताओं में घिरे रहते है , नींद नहीं आती है तो ऐसी स्तिथि में आपको 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
  2. यदि आप भूत प्रेत से परेशान हैं या इसका हमेशा भय माना बना रहता है इसके अलावा आप किसी समस्या में है या आपके दुश्मन आपको हानि पहुचना चाहते हैं तो ऐसी स्तिथि में भी आपको 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
  3. इसके आधिपत्य भगवान विष्णु है इसे धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और दस महाविद्याओं कि भी कृपा प्राप्त होती है इसके अलावा इसे धारण करने वाले व्यक्ति के ऊपर किसी भी प्रकार की तांत्रिक किया कि जाए तो वह सफल नहीं होती है।
  4. दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है साथ ही साथ मानसिक शांति, दमा, कान और ह्रदय से संबंधित बीमारियों से लाभ हेतु भी इसे धारण कर सकते हैं।
  5. जो लोग मुकदमा लड़ रहे हैं संपत्ति के लिए उन लोगों को 10 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए इससे मुकदमा जितने कि संभावना बढ़ जाती है इसके अलावा वास्तुदोष से छुटकारा हेतु इसे घर में रखें।

11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 अत्यंत लाभकारी फायदे

  1. यदि आपके घर में भूत प्रेत बाधा या किसी नकारात्मकता का प्रभाव है तो 11 मुखी रुद्राक्ष का विधिवत पूजन करके एक तांबे के पात्र में जल भरकर उसमें 11 मुखी रुद्राक्ष को डाल दें और प्रतिदिन उस जल का पानी अपने घर में छिड़कें इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है।
  2. इस रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे धारण करने वाला व्यक्ति हमेशा धन धान्य से परिपूर्ण रहता है और धन आने के अनेकों मार्ग उत्पन्न होते हैं।
  3. यह रुद्राक्ष उन बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी है जिन्हें अक्सर नजर लगता हैं 11 मुखी रुद्राक्ष को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण करने से हमेशा के लिए नजर दोष दूर हो जाता है।
  4. 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य आत्म विश्वासी और धैर्यवान बनता है इसके अलावा ध्यान, याददाश्त और रचनात्मकता में वृद्धि होती है, यह लोगों को आकर्षित करता है और दुर्घटनाओं से बचाता है।
  5. लोगों का मानना है कि 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को हजारों गायों का दान करने और हजार अश्वमेध यज्ञ की बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है इसके अलावा इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सही निर्णय लेने की क्षमता, तेज बुद्धि और सफल जीवन का आनंद प्राप्त होता है।

12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 शक्तिशाली फायदे

  1. 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सूर्य के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और तनाव, क्रोध और चिंता शांत करने में सहायता करता है इसके अलावा जिस व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर है वह इसे अवश्य धारण करें यह आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।
  2. 12 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे वह ऊर्जावान, शक्तिशाली और बुद्धिमान बनता है इसके अलावा इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की सभी चिंताएं, भय और संदेह अत्यधिक काम हो जाते हैं।
  3. इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति का पाचनतंत्र हमेशा नियंत्रित रहता है और यह दूसरों पर निर्भरता को कम करता है इसके अलावा वात और कफ के जैसे रोगों से छुटकारा पाने हेतु भी इसे धारण कर सकते है।
  4. प्राचीन मान्यता है की 12 मुखी रुद्राक्ष 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ "आदित्य" मतलब भगवान सूर्य के 12 रूपों के सामान शक्तिशाली है इसके अलावा यह मानसिक शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूती प्रदान करता है।
  5. प्राचीन शास्त्रों के अनुसार 12 मुखी रुद्राक्ष मानसिक विकलांगता, चिंता, अवस्थी रोगों, रिकेट्स, ओस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों के इलाज के लिए चिकित्सीय रूप से लाभकारी है।

13 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के 5 अत्यंत लाभकारी फायदे

  1. इसे धारण करने से पैसा, सेक्स और सकती जैसी सभी भौतिक सुखों का आनंद मिलता है और इसे धारण करने से लॉटरी लगती है, जुआ आदि में लाभ मिलता है, यौन संबंधी सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और इसे धारण करने से सुक्र ग्रह मजबूत होता है।
  2. 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक विकार दूर होते हैं मंगल और शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और कमर दर्द ठीक होता है इसके अलावा मानसिक रूप से मजबूती मिलती है।
  3. 13 मुखी रुद्राक्ष उन लोगों के लिए लाभकारी है जो लोग लीडर्स मार्केटिंग प्रोफेशनल्स कंपनी प्रेसिडेंट आदि लोगों से बातचीत करते हैं इसे धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान कामदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह उनकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
  4. 13 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति का यह पूर्ण रूप से सुनिश्चित हो जाता है कि वह किसी भी परिस्थिति में विजयी होगा और उसका भाग्य उसका पूर्ण रूप से सहायता करेगा इसके अलावा इसे धारण करने वाले व्यक्ति का भाग्य साथ देता है और उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
  5. यह रुद्राक्ष धारण करता के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और लोगों को अधिक मात्रा में आकर्षित करता है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ाता है।

रुद्राक्ष धारण करने की विधि 

  1. रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व “ॐ ह्रीं नमः” का 108 बार जाप अवश्य करें।
  2. जाप पूर्ण करने के बाद उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके महादेव का स्मरण कर इस रुद्राक्ष को धारण करें।
  3. एक मुखी रुद्राक्ष को चांदी या सोने की माला या काले धागे या लाल धागे के साथ पहनें।
  4. इस रुद्राक्ष को सोमवार, रविवार या शिवरात्रि के दिन धारण करें।
  5. इसे धारण करने से पहले गंगा जल अथवा दूध से शुद्ध करें।
  6. सुबह प्रात: काल में सूर्य को तांबे के पात्र से जल और फूल चढ़ाएं।

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