Is milk non-vegetarian? Is milk made from blood | क्या दूध मांसाहार होता है? क्या दूध रक्त से बनता है?

Is milk non-vegetarian? Is milk made from blood? क्या दूध मांसाहार होता है? क्या दूध रक्त से बनता है?


ये प्रश्न मांसाहार के समर्थकों और दुग्ध के विरोधी, गौमांस के समर्थकों, कम्युनिस्टों के कारण आम हिन्दू जनमानस के मन को बहुदा कचोटता रहता है। इसका उत्तर मैं आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और आयुर्वेद से दूंगा। सर्वप्रथम हम जानते है कि दूध स्तनों में कैसे आता है, इसके लिए स्त्रियों के शरीर की स्तन संरचना समझना आवश्यक है, इसी से अन्य स्तनधारियों के विषय में भी समझा जा सकता है।

स्त्रियों में आन्तरिक रुप से स्तन कई खण्डों में विभक्त रहता है। जिन्हे lobes कहते है। ये खंड़ कई उपखण्डों में विभक्त होता है, जिसे lobules कहते है। पुनः उपखण्ड़ में कई कोष होते है। जिसे alveoles कहते है। इन कोषो से सम्बद्ध छोटी-छोटी दुग्धहारिणी नाड़ियाँ होती है। कई ऐसी छोटी-छोटी नाड़ियां मिलकर बडी़-बडी़ नलिकाएँ बनाती है। ये बड़ी नलिकाएँ larger lactiferous ducts कहलाती है, इनकी संख्या पन्द्रह से बीस तक होती है। ये सभी जाकर चूचक (nipple) में खुलती है। इन्हीं से दुग्ध निकलता है। - A text book of midwifery, physiology and management of puerperium page 430 (syllabus in B.A.M.S)

इससे हमने जाना कि दुग्ध की नलिकाएं और रक्त की नलिकाएं अलग-अलग होती है। अब इनमें दूध आने की प्रक्रिया को अति संक्षेप में समझने का प्रयास करते है। स्त्री में हार्मोन प्रोलैक्टिन के कारण दुग्ध का निर्माण एलिवोलो कोशिकाओं द्वारा होता है। इन कोशिकाओं के द्वारा निर्माण किया हुआ दुग्ध स्तन नलिकाओं में प्रवाहित होता है, इस दौरान एक और हार्मोन आंक्सीटोसिन का भी स्तर बढ़ जाता है। अतः दुग्ध रक्त के समान नहीं बनता बल्कि कुछ शारीरिक परिवर्तनों के सापेक्ष बनता है।

अब महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि दुग्ध बनता किससे है तो दुग्ध की उत्पत्ति पर हारीत संहिता में लिखा है 


यद्यदाहारजातन्तु रसं क्षीरशिरानुगम्।
सरोजलञ्च भुक्तञ्च तथा पित्तेन संयुक्तम्।।

पाचितं जठरे वह्नौ पित्तेन सह मूर्च्छितम्।
पच्यमानं शिराप्राप्तं क्षीरतोयेन पुत्रक।।

हारीत संहिता, 8, क्षीरवर्ग
जो आहार से रस उत्पन्न होता है वही दूध की शिरा के अनुगत होता है। द्रव पदार्थ जल, भोजन, ये पित्त से संयुक्त होते है। जठराग्नि से पचने पर पित्त के साथ पच्यमान रस दुग्ध जल के रुप में शिराओं से प्राप्त होता है, उसे दूध कहते है। अतः दूध का निर्माण रक्त या मांस से नहीं बल्कि अन्न रस (Nutrient) से बनता है। इसी रस से रक्त भी बनता है किन्तु स्तनों में रक्त न बनकर दुग्ध बनता है अतः दुग्ध रक्त से नहीं बनता है ये हिंसा रहित होने से और वेदों द्वारा भी प्रशस्त होने से दूध शाकाहारी है, इसे पीने में कोई धर्महानि या हिंसा नहीं है।

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